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नोएडा केंद्र

की शुरुआत

उत्तरी भारत में गतिशील विकास

आईटी उद्योग के विकास में एसटीपीआई की भूमिका खासकर स्टार्ट-अप एसएमई के मामले में जबरदस्त रही है । एसटीपी योजना एक उत्प्रेरक : एसटीपी योजना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के विकास और निर्यात के लिए 100 प्रतिशत निर्यातोन्मुखी योजना है, जिसमें संचार-लिंक या भौतिक-मीडिया का उपयोग करके व्ययवसायिक सेवाओं का निर्यात शामिल है। यह योजना अपने आप में अद्वितीय है क्योंकि यह एक उत्पाद/क्षेत्र, यानी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर केंद्रित है। यह योजना 100 प्रतिशत निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) और निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्रों (ईपीजेड) की सरकारी अवधारणा और दुनिया में कहीं और संचालित होने वाले विज्ञान पार्कों / प्रौद्योगिकी पार्कों की अवधारणा को एकीकृत करती है। उद्योग को सशक्त बनाने और उन्हें तुरंत अपना संचालन शुरू करने में सक्षम बनाने के लिए, एसटीपीआई-नोएडा ने सन 1993-94 के दौरान गंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, सेक्टर 29, नोएडा में 1,800 वर्ग मीटर क्षेत्र का अधिग्रहण किया और इस केंद्र से से 12 एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयां संचालित हो रही थीं। एसटीपीआई-नोएडा के तहत एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयों से कुल निर्यात वित्तीय वर्ष 1992-93 में 23.56 करोड़ रूपये से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 51,005.81 करोड़ रूपये हो गया ।

नई पहल

इलेक्ट्रोप्रेन्योर पार्क, दिल्ली

इलेक्ट्रोप्रेन्योर पार्क (ईपी)- दिल्ली, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत भारत में अपनी तरह का पहला इनक्यूबेशन सेंटर है। ईपी पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है और इसे एसटीपीआई द्वारा प्रबंधित किया जाता है। परियोजना में अन्य हितधारकों में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) अकादमिक भागीदार और इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में शामिल है। ईपी, ईएसडीएम क्षेत्र में उत्पाद के विकास और आईपी निर्माण पर जोर देता है। एक परियोजना के रूप में, ईपी को 50 स्टार्टअप को सफलतापूर्वक इनक्यूबेट करने के लक्ष्य के साथ 5 साल की अवधि के लिए परिकल्पित किया गया है। परियोजना को शुरुआती 5 साल की अवधि के बाद तीन विस्तार दिए गए और अंतिम विस्तार 8-वें पीआरएसजी द्वारा जून 2022 में दिया गया । ईपी की प्रमुख उपलब्धियां निम्नानुसार हैं: • 7 सीज़न से 44 स्टार्टअप लाभार्थी • 30 कार्यशील प्रोटोटाइप विकसित किए गए • 19 अस्थायी पेटेंट • 36 आईपी दायर किये गए • 36 नए उत्पाद बनाए गए • 450 रोजगार सृजित किये गए • 10 स्टार्टअप ने 25 लाख रूपये या अधिक प्राप्त किये • 11 स्टार्टअप्स ने 25 लाख रुपये से कम का अनुदान और वित्त पोषण प्राप्त किया • स्टार्टअप्स द्वारा 47.8 करोड़ रूपये का राजस्व उत्पन्न हुआ • सभी स्टार्टअप्स का अनुमानित मूल्यांकन 250 करोड़ रूपये है

मेडटेक सीओई

चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान के क्षेत्र में वहन करने योग्य उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण विकसित करते हुए उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके, स्टार्टअप का पोषण करने के लिए, एसटीपीआई ने उद्भवन सुविधा, सलाह और अकादमिक सहायता, प्रयोगशाला पहुंच, वित्त पोषण और विपणन सहायता और आईपी सुविधा के साथ एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करके, एसजीपीजीआई लखनऊ में मेडटेक सीओई (मेडियलक्ट्रोनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान में एक सीओई ) की स्थापना की है। इस सीओई को अगस्त 2020 में लॉन्च किया गया था। 22 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ यह सीओई चिकित्सा प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान में 50 स्टार्टअप का पोषण करेगा। इस सीओई को एसजीपीजीआई लखनऊ में 18,000 वर्ग फुट प्लग-एंड-प्ले स्पेस आवंटित किया गया है। इसके मुख्य हितधारक एमईआईटीवाई, एसटीपीआई, यूपी सरकार, एसजीपीजीआई और अन्य सहयोगी एएमटीजेड और एआईएमईडी हैं। इसके पहले समूह में 20 स्टार्टअप चुने गए हैं।

नए एसटीपीआई केंद्रों की स्थापना

1. एसटीपीआई धर्मशाला केंद्र: हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार ने एसटीपीआई केंद्र की स्थापना के लिए चेतरू, धर्मशाला में 2 एकड़ भूमि प्रदान की है। एसटीपीआई पहले ही एचएससीएल को पीएमसी के रूप में नियुक्त कर चुका है और निर्माण कार्य इस वर्ष के भीतर शुरू होने की संभावना है। 2. एसटीपीआई पंचकुला केंद्र: हरियाणा राज्य सरकार ने एसटीपीआई केंद्र स्थापित करने के लिए पंचकुला में लगभग 2 एकड़ भूमि प्रदान की है। एसटीपीआई ने पहले ही सीपीडब्ल्यूडी को पीएमसी के रूप में नियुक्त किया है और निर्माण कार्य इस वर्ष के भीतर शुरू होने की संभावना है। 3. एसटीपीआई कानपुर केंद्र: उत्तर प्रदेश के पनकी, कानपुर में एसटीपीआई केंद्र की स्थापना के लिए एसटीपीआई और सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। राज्य सरकार पनकी-कानपुर में केंद्र स्थापित करने के लिए भूमि एसटीपीआई को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया में है। 4. एसटीपीआई वाराणसी केंद्र: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एसटीपीआई केंद्र की स्थापना के लिए एसटीपीआई सरकार के साथ समन्वय कर रहा है। वाराणसी में 15,000 वर्ग फुट के एक निर्मित स्थान को अंतिम रूप दिया गया है। एसटीपीआई और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर जल्द ही हस्ताक्षर होने की संभावना है।

नए सीओई की स्थापना

ड्रोन सीओई: एसटीपीआई देहरादून में ड्रोन और रोबोटिक्स में एक सीओई प्रक्रियाधीन है। जीआईए की मांग के लिए 20 करोड़ रूपये के बजटीय परिव्यय के साथ डीपीआर उत्तराखंड सरकार को सौंप दी गई है। इसके मुख्य हितधारक उत्तराखंड सरकार, आईटीडीए, ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया, आईआईटी रुड़की, आइडिया फोर्ज (इंडस्ट्री पार्टनर), इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंडऔर कॉन्फिडेंशियल इलेक्ट्रॉनिक्स पाइवेट लिमिटेड हैं।

आरएचएसडीसी सुविधा

एसटीपीआई-नोएडा, उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए रिडंडेंट हाई स्पीड डेटा कम्युनिकेशन कंट्रोल रूम स्थापित कर रहा है। अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष रिडंडेंट आईएसपी, अत्यधिक कुशल सटीक एयर कंडीशनर, रिडंडेंट यूपीएस, डीजी सेट आदि से लैस होगा। आरएचएसडीसी में लगभग 20 रैक स्थापित किए जाएंगे ताकि उद्योग की विभिन्न डेटाकॉम और मूल्यवर्धन सेवाओं को संबोधित किया जा सके। आरएचएसडीसी परियोजना पूरी होने के करीब है और उद्योग के लिए जल्द ही सेवाएं शुरू की जाएंगी।

एसटीपीआई - नोएडा के उप-केंद्र :

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हैदराबाद केंद्र

की शुरुआत

आं.प्र. एवं तेलंगाना में गतिशील विकास

आईटी उद्योग के विकास में एसटीपीआई की भूमिका खासकर स्टार्ट-अप एसएमई के मामले में जबरदस्त रही है । एसटीपी योजना एक उत्प्रेरक : एसटीपी योजना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के विकास और निर्यात के लिए 100 प्रतिशत निर्यातोन्मुखी योजना है, जिसमें संचार-लिंक या भौतिक-मीडिया का उपयोग करके व्यावसायिक सेवाओं का निर्यात शामिल है। यह योजना अपनी प्रकृति में अद्वितीय है क्योंकि यह एक उत्पाद/क्षेत्र, यानी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर केंद्रित है। यह योजना 100 प्रतिशत निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) और निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्रों (ईपीजेड) की सरकारी अवधारणा और दुनिया में कहीं और संचालित होने वाले विज्ञान पार्कों / प्रौद्योगिकी पार्कों की अवधारणा को एकीकृत करती है। एसटीपीआई-हैदराबाद के तहत एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयों से कुल निर्यात सन 1992-93 में 4.76 करोड़ रुपये से वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1,23,966.85 करोड़ रुपये हो गया है।

नई पहल

इमेज में हैदराबाद

इमेज सीओई, हैदराबाद में एसटीपीआई द्वारा गेमिंग, एनिमेशन, वी. ऍफ़. एक्स., कंप्यूटर विज़न और ऐ आई स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग जैसे संसाधन उपलब्ध कराने के लिए एक पहल है जो 17 फरवरी 2020 को लॉन्च किया गया था । इमेज, एसटीपीआई-हैदराबाद में 10,000 वर्ग फुट के बिल्ट-अप स्पेस के साथ अपनी इनक्यूबेशन सुविधा के माध्यम से स्टार्टअप्स को बढ़ाने के लिए एकीकृत कार्यक्रम, सीवीएलएबी और गेमलैब प्रदान करता है । इमेज ने 66 स्टार्टअप को जोड़ा है। इमेज में 51 संरक्षक, 12 भागीदार हैं और इसने 5 प्रशिक्षण/परामर्श कार्यक्रम आयोजित किए हैं।

विशाखापत्तनम में उद्योग-4.0 में आगामी सीओई

विशाखापत्तनम में एसटीपीआई द्वारा उद्योग 4.0 में आरआईएनएल के साथ भागीदारी, सरकार एवं एपी और एपी आईटी एसोसिएशन, आईआईएम विजाग और अन्य प्रमुख हितधारक द्वारा समर्थित सीओई की स्थापना का प्रस्ताव, MeitY द्वारा अनुमोदन के लिए विचाराधीन है।

एसटीपीआई - हैदराबाद के उप-केंद्र :

    इस अनुभाग के लिए वर्तमान में कोई सक्रिय रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।

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बेंगलुरू केंद्र

की शुरुआत

कर्नाटक में गतिशील विकास

आईटी उद्योग के विकास में , खासकर स्टार्ट-अप एसएमई के मामले में एसटीपीआई की भूमिका जबरदस्त रही है। एसटीपी योजना एक उत्प्रेरक : एसटीपी योजना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के विकास और निर्यात के लिए 100 प्रतिशत निर्यातोन्मुखी योजना है, जिसमें संचार-लिंक या भौतिक-मीडिया का उपयोग करके व्यावसायिक सेवाओं का निर्यात शामिल है। यह योजना अपनी प्रकृति में अद्वितीय है क्योंकि यह एक उत्पाद/क्षेत्र, यानी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर केंद्रित है। यह योजना 100 प्रतिशत निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) और निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्रों (ईपीजेड) की सरकारी अवधारणा और दुनिया में कहीं और संचालित होने वाले विज्ञान पार्कों / प्रौद्योगिकी पार्कों की अवधारणा को एकीकृत करती है। उद्योगो को सशक्त बनाने और उन्हें तुरंत अपना संचालन शुरू करने में सक्षम बनाने के लिए, एसटीपीआई-बेंगलुरु ने सन 1993 तक 4,500 वर्ग मीटर क्षेत्र का विकास किया और 12 एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयां इस केंद्र से संचालित हो रही थीं। एसटीपीआई-बेंगलुरु के तहत एसटीपी इकाइयों से कुल निर्यात सन 1993 में 39 करोड़ रूपये से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 3.55 लाख करोड़ रुपये हो गया ।

नई पहल

IoT ओपन लैब

एसटीपीआई ने एक तकनीकी मंच बनाने के उद्देश्य से एरो इलेक्ट्रॉनिक्स के सहयोग से और MeitY, भारत सरकार के समर्थन से बेंगलुरु में एक सीओई आईओटी ओपनलैब स्थापित किया है, जो कि सभी सेसेक्टर्स में स्टार्ट-अप को विघटनकारी आईओटी-आधारित अनुप्रयोगों, उत्पादों और समाधानों को विकसित करने में सक्षम करेगा । यह आईओटी लैब 4200 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैली हुई है और 5 वर्षों की अवधि में अनुमानित 500 स्टार्टअप को लाभान्वित करेगी । 26 स्टार्टअप पहले ही चुने जा चुके हैं और 10 स्टार्टअप भी शामिल हो चुके हैं।

AICएसटीपीआई बेंगलुरू

एआईसी एसटीपीआई बेंगलुरु 10,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है और अत्याधुनिक भौतिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य उपकरणों के साथ प्रयोगशाला (जैसे वाइटल साइन मॉनिटर, ईसीजी सिम्युलेटर, न्यूरो स्टिमुलेटर और 3 डी प्रिंटर) और अन्य सामान्य कार्यालय सुविधाओं से युक्त है। इसके लिए 5 वर्षों की अवधि में लगभग 65 नवोन्मेषी और विघटनकारी प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप को इनक्यूबेट करने का लक्ष्य रखा गया है ।

दक्षता आवर्धन CoE

कर्नाटक सरकार के सहयोग से एसटीपीआई द्वारा दक्षता वृद्धि पर एक उद्यमिता केंद्र (सीओई) स्थापित किया जा रहा है। यह सीओई अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा जो बहस, विचार-विमर्श, कार्य और नवपरिवर्तन के लिए (उद्योग बुनियादी ढांचे और व्यापार परिवर्तन), लोगों के विकास और उद्योग पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव को संबोधित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय एवं उद्योगो को एक साथ लेन का कार्य करेगा।

स्मार्ट लैब

एसटीपीआई ने कर्नाटक सरकार के सहयोग से सरकार ने दिसंबर 2017 में बेंगलुरु में सेमीकंडक्टर मेजरमेंट एनालिसिस एंड रिलायबिलिटी टेस्ट (स्मार्ट) लैब की स्थापना की ताकि स्टार्टअप और सेमीकंडक्टर कंपनियां स्थानीय स्तर पर अपने चिप डिजाइन का परीक्षण कर सकें और उत्पाद डिजाइन चक्र और संचालन लागत को कम कर सकें। स्मार्ट लैब नवीनतम हाई-एंड सेमीकंडक्टर टेस्ट, मापन और विश्वसनीयता परीक्षण उपकरण से लैस है और इसका उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रॉनिक और सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) कंपनियों के विकास का समर्थन करना है। 52 ईएसडीएम कंपनियों द्वारा शुरू से ही स्मार्ट लैब का उपयोग किया जा रहा है।

एसटीपीआई - बेंगलुरू के उप-केंद्र :

    इस अनुभाग के लिए वर्तमान में कोई सक्रिय रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।

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कोलकाता केंद्र

की शुरुआत

पश्चिम बंगाल में गतिशील विकास

आईटी उद्योग के विकास में , खासकर स्टार्ट-अप एसएमई के मामले में एसटीपीआई की भूमिका जबरदस्त रही है। एसटीपी योजना एक उत्प्रेरक : एसटीपी योजना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के विकास और निर्यात के लिए 100 प्रतिशत निर्यातोन्मुखी योजना है, जिसमें संचार-लिंक या भौतिक-मीडिया का उपयोग करके व्यावसायिक सेवाओं का निर्यात शामिल है। यह योजना अपनी प्रकृति में अद्वितीय है क्योंकि यह एक उत्पाद/क्षेत्र, यानी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर केंद्रित है। यह योजना 100 प्रतिशत निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) और निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्रों (ईपीजेड) की सरकारी अवधारणा और दुनिया में कहीं और संचालित होने वाले विज्ञान पार्कों / प्रौद्योगिकी पार्कों की अवधारणा को एकीकृत करती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में, STPI-कोलकाता अधिकार क्षेत्र के तहत पंजीकृत इकाइयों ने 12,750.72 करोड़ रुपये के आईटी/आईटीईएस/ईएसडीएम निर्यात में योगदान दिया।

नई पहल

एडवांस्ड इंटरनेट ऑपरेशन्स रिसर्च इन इंडिया

"एडवांस्ड इंटरनेट ऑपरेशंस रिसर्च इन इंडिया (ऐ आई ओ आर आई)", इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एम् ई आई टी वाई), भारत सरकार की परियोजना है, जो की सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के द्वारा 3 साल की परियोजना अवधि में 424 लाख रुपये के परिव्यय अनुदान सहायता निधि के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है। एसटीपीआई-कोलकाता इस परियोजना को पूरा करने के लिए आईएसओसी-कोलकाता और इंडिया इंटरनेट फाउंडेशन (आईआईएफओएन), कोलकाता के साथ सहयोग करने वाला नोडल कार्यालय है।

एसटीपीआई - कोलकाता के उप-केंद्र :

    इस अनुभाग के लिए वर्तमान में कोई सक्रिय रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।

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तिरुवनंतपुरम केंद्र

की शुरुआत

केरला में गतिशील विकास

आईटी उद्योग के विकास में , खासकर स्टार्ट-अप एसएमई के मामले में एसटीपीआई की जबरदस्त भूमिका रही है । एसटीपी योजना उत्प्रेरक : एसटीपी योजना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के विकास और निर्यात के लिए 100 प्रतिशत निर्यातोन्मुखी योजना है, जिसमें संचार लिंक या भौतिक-मीडिया का उपयोग करके व्यावसायिक सेवाओं का निर्यात शामिल है। यह योजना अपनी प्रकृति में अद्वितीय है क्योंकि यह एक उत्पाद/क्षेत्र, यानी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर केंद्रित है। यह योजना 100 प्रतिशत निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) और निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्रों (ईपीजेड) की सरकारी अवधारणा और दुनिया में कहीं और संचालित होने वाले विज्ञान पार्कों / प्रौद्योगिकी पार्कों की अवधारणा को एकीकृत करती है। एसटीपीआई-तिरुवनंतपुरम के तहत एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयों का कुल निर्यात वित्त वर्ष 1992-93 में 1.18 करोड़ रु. से वित्त वर्ष 2022-23 में 5,702.46 करोड़ रुपये बढ़ा।

नई पहल

आधारभूत संरचना का विकास

केरल में उद्भवन पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करने के लिए, एसटीपीआई-तिरुवनंतपुरम ने तिरुवनंतपुरम (38,207 वर्ग फीट) और कोच्चि (41,274 वर्ग फीट) में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा स्थापित किया है। नए बुनियादी ढांचे में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आवश्यक सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी जिसमे कोच्चि में 150 प्लग-एन-प्ले सीटें और 12,750 वर्ग फुट कच्ची जगह और तिरुवनंतपुरम में लगभग 200 प्लग-एन-प्ले सीटें उपलब्ध कराकर लाभान्वित किया जायेगा ।

एसटीपीआई - तिरुवनंतपुरम के उप-केंद्र :

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