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मेरठ में एसटीपीआई के 62-वे केंद्र की शुरुआत

मेरठ में एसटीपीआई के 62-वे केंद्र की शुरुआत

  • Start Date 28-12-2021
  • End Date 28-12-2021
  • Type STPI Centre Launch
  • Display Flagship Events
  • Venue स्थान: प्लॉट नंबर - ITP-03, NH-58 बाईपास के पास, वेदव्यास पुरी योजना, मेरठ 

 मेरठ में एसटीपीआई के 62-वे  केंद्र की शुरुआत 

श्री राजीव चंद्रशेखर, 
माननीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी और कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री, भारत सरकार 

द्वारा  

28 दिसंबर 2021 को उद्घाटन

स्थान: प्लॉट नंबर - ITP-03, NH-58 बाईपास के पास, वेदव्यास पुरी योजना, मेरठ 

2021

STPI ने बेंगलुरु में AIC STPINEXT, अकोला में FASAL, और चरण 2 में OctaNE के तहत 5 CoE सहित 7 और CoE लॉन्च किए, जिसमें अगरतला में डेटा एनालिटिक्स और AI CoE / SIZ, कोहिमा में ग्राफिक्स डिज़ाइन CoE / SIZ में IT एप्लिकेशन, हेल्थकेयर और आईटी एप्लिकेशन शामिल हैं। गंगटोक में एग्रीटेक सीओई/एसआईजेड, आइजोल में गेमिंग एंड एंटरटेनमेंट सीओई/एसआईजेड, और ईटानगर में जीआईएस एप्लीकेशन (ड्रोन टेक्नोलॉजी सहित) सीओई/एसआईजेड, पूरे भारत में कुल 20 परिचालन सीओई हैं।

एसटीपीआई ने कोहिमा में 61वां केंद्र शुरू किया और कोलकाता और गुरुग्राम में 2 न्यायिक निदेशालय बनाए।

संजय गांधी पीजीआई में मरीजों के इलाज में नये अध्‍याय की शुरुआत

Date: December 18, 2021

संजय गांधी पीजीआई में मरीजों के इलाज में नये अध्‍याय की शुरुआत

एसटीपीआई-मेडिकल टेक्नोलॉजी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन
STPI Medtech CoE में बनेंगे इलाज की जरूरत के अनुसार उपकरण

संजय गांधी पीजीआई में मरीजों के उपचार के दृष्टिकोण से आज एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। अब मरीज की जरूरत के हिसाब से इलाज में प्रयोग होने वाले उपकरणों के लिए संस्‍थान को किसी कम्‍पनी से सप्‍लाई का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सामान्‍य से लेकर अत्‍याधुनिक व इनोवेटिव उपकरणों का निर्माण संस्‍थान में ही हो स‍केगा,  इसकी शुरुआत आज से हो गयी है।

संस्थान में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया के द्वारा संस्थान में स्थापित किए गए एसटीपीआई मेडिकल टेक्नोलॉजी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस STPI Medtech CoE  की आज से शुरुआत हो गई है इसका उद्घाटन भारत सरकार के स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप एंड इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड इनफॉरमेशन टेक्‍नोलॉजी के राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने की। इस मौके पर उनके साथ उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री बृजेश पाठक  और स्वाति सिंह के साथ ही उत्‍तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्‍य सचिव आईटी एंड इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स विभाग अरविन्‍द कुमार भी उपस्थित रहे।

इस मौके पर संस्थान के निदेशक डॉक्टर आरके धीमन ने अपने संबोधन में केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा उत्तर प्रदेश सरकार का आभार जताया इसके साथ ही एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री और आंध्रप्रदेश मेडटेक जोन का भी इस उद्यम में खास योगदान देने के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस सेटअप के शुरू होने से मरीजों के अनुरूप इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों की चिकित्सकों की लंबे समय से महसूस की जा रही जरूरत को पूरा किया गया है ताकि मरीज की देखभाल में टेक्नोलॉजी का बेहतर और प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सके।

निदेशक ने कहा कि संस्थान नए-नए विचारों को उत्पन्न करने की संस्कृति का समर्थन करता है और इसी के तहत नयी-नयी सोच से उत्‍पन्‍न आइडियाज का मरीजों के उपचार में लाभ देता रहा है। उन्होंने कहा कि परिसर में मेडटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना होने से  चिकित्सकों को रोगी के अनुकूल उपकरणों को विकसित करने और रोगी की देखभाल में इसका त्वरित लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान नये-नये तथा आमतौर पर कम प्रयोग होने वाले उपकरणों का कितना महत्व है, यह हम सब ने जाना है। उन्होंने कहा कि जैसे जब कोविड-19 महामारी आयी तो अचानक प्रत्येक मरीज में पल्स ऑक्सीमीटर जैसे सामान्य उपकरणों से लेकर आईसीयू में उपयोग किए जाने वाले कई उपकरणों की आवश्यकता महसूस हुई थी, ऐसे में जब इस तरह के सेंटर स्‍थापित रहते हैं तो उपकरणों का उत्पादन शीघ्र और मरीज के अनुसार कराना आसान होता है यही इस सेंटर की स्थापना का उद्देश्य है।

उदाहरण देकर समझाया

मरीज के अनुसार उपकरणों के निर्माण पर बात करते हुए निदेशक ने ‘सेहत टाइम्‍स’ को बताया कि उदाहरण स्‍वरूप आपको बताते हैं कि कोविड के दौरान मरीज को वेंटीलेटर पर ले जाने में उसके ट्रैकिया में एक ट्यूब डालने की जरूरत पड़ती है, यह ट्यूब मुंह से डाला जाता है। उन्‍होंने बताया कि चूंकि कोविड बेहद संक्रमित रोग होने के कारण जो भी चिकित्‍सक इस ट्यूब को डालता है, उसे मरीज के मुंह के सम्‍पर्क में काफी समय के लिए आना पड़ता है, जिससे डॉक्‍टर को संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। डॉ धीमन ने बताया कि ऐसे में अगर इस प्रक्रिया को करने के लिए लेरिंगोस्‍कोप डिवाइस बनाकर इसे स्‍क्रीन पर देखकर डाला जाये तो संक्रमण के फैलाव की आशंका कम रहेगी। उन्‍होंने बताया कि इसी प्रकार के नये-नये तथा जरूरत के अनुसार उपकरणों का निर्माण कम समय में उपलब्‍ध हो सकेगा।   

कोरोनाकाल में चिकित्सा स्टार्टअप ने दी राहत - एसटीपीआई के मेडटेक सेंटर फॉर इंटरप्रेन्योरशिप का उद्घाटन

Date: December 18, 2021

कोरोनाकाल में चिकित्सा स्टार्टअप ने दी राहत - एसटीपीआई के मेडटेक सेंटर फॉर इंटरप्रेन्योरशिप का उद्घाटन

- भारत में विश्व का सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम:-चंद्रशेखर

-पीजीआई में हुआ मेडटेक सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप का उद्घाटन

भारत विश्व का सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। यूपी में एक साल के भीतर दो हजार से ज्यादा स्टार्टअप शुरू हुए हैं। इससे रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। कोरोना के चलते चिकित्सा क्षेत्र में सरकार स्टार्टअप के दिशा में तेजी से काम कर रही है। ये बातें पीजीआई में शनिवार को सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया ( एसटीपीआई) के मेडटेक सेंटर फॉर इंटरप्रेन्योरशिप के उद्घाटन पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहीं। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप की संख्या 3200 से बढ़कर 5291 स्टार्टअप हो गई है। कोरोना कॉल में डिजिटल इंडिया की उपयोगिता बढ़ी है। घर बैठे डॉक्टर से परामर्श व उपचार मिला है।

कार्यक्रम में प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि देश में चिकित्सा का दायरा बढ़ रहा है। एक दिन यहां विदेश के लोग आकर इलाज कराएंगे। राज्य मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि स्टार्टअप में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। इस मौके पर एकेटीयू के वीसी विनीत कंसल ने चिकित्सा उपकरण बनाने में पीजीआई को मदद का भरोसा दिया। अपर मुख्य सचिव आईटी अरविंद कुमार ने कहा कि एक्सीलेंस सेंटर को पांच साल में करीब 22.25 करोड़ दिये जाएंगे। इसमें दस करोड़ रुपये प्रदेश सरकार देगी। 15 जिलों में कुल 41 इंक्यूबेटर सेंटर स्थापित हो चुके हैं। हर जिलों में इक्यूबेटर सेंटर होंगे। समारोह में उद्यमियों को सम्मानित किया गया।

15 स्टार्टअप चयनित

एसटीपीआई के महानिदेशक अरविन्द कुमार ने कहा कि सॉफ्टवेयर पार्क के तहत 15 स्टार्टअप का चयन किया जा चुका है। शनिवार को 12 स्टार्टअप ने अपने-अपने मॉडल के प्रोटो टाइप के जरिए जानकारी दी। यह स्टार्टअप कई जिलों के हैं। इन्हें यहां काम करने की जगह, आईओटी लैब, हाईस्पीड इंटरनेट, बौद्धिक संपदा मार्केटिंग व फंडिंग के लिए सहायता दी जाएगी। मेडिकल उपकरण में चिकित्सीय मदद पीजीआई करेगा। पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन ने कहा कि कोरोना कॉल में टेली आईसीयू की मदद से बहुत से मरीजों का उपचार किया गया। मेडटेक सेंटर से नए उपकरण बनने के साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

लखनऊ में केन्द्रीय राज्य मंत्री ने मेडटेक-सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप (सीओई) का किया उद्घाटन, राज्य के मेडिकल क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप्स को मिलेगा बढ़ावा

Date: December 19, 2021

लखनऊ में केन्द्रीय राज्य मंत्री ने मेडटेक-सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप (सीओई) का किया उद्घाटन, राज्य के मेडिकल क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप्स को मिलेगा बढ़ावा

भारत दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम : केन्द्रीय राज्य मंत्री

केन्द्रीय राज्य मंत्री माननीय राजीव चंद्रशेखर, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी एवं कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय ने संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एसजीपीजीआई लखनऊ में स्थापित मेडटेक सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप का उद्घाटन किया। सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप सीओई मेडी इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान हेल्थ इन्फोर्मेटिक्स के क्षेत्र में स्टार्टअप को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान और राज्य में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देगा तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था का सपोर्ट करने के साथ ही रोजगार के अवसर पैदा करेगा केंद्र का उद्घाटन करते हुए माननीय केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा, यह भविष्य में मेडटेक सीओई मेडिकल प्लस टेक्नोलॉजी जैसे क्रॉस डिसिप्लिनरी एप्लिकेशन डेवलपमेंट को बढ़ावा दे सकता है। इस जगह से बड़े इनोवेशन की उम्मीद है। पिछले 4 5 वर्षों के दौरान प्रौद्योगिकी के सम्मुख किए गए कार्यों परिणाम ने भारत को कोविड काल के दौरान लचीलापन लाने में मदद की है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। इस परिदृश्य में मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स का विशेष महत्व है। इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान का संयोजन स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नवाचारों को उत्प्रेरित कर सकता है।

इस अवसर पर एसटीपीआई के महानिदेशक अरविंद कुमार ने कहा कि मेडीटेक सीओई स्टार्टअप्स पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक मजबूत मॉडल प्रदान करके उन्हें सक्षम बनाकर चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार में एक आदर्श बदलाव ला सकता है। मेडटेक डोमेन में उत्पाद बनाने के लिए आईपीआर बनाने, निर्यात को बढ़ावा देने आयात को कम करने और भारत को मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के निर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र है उन्होंने ये भी कहा कि स्टार्टअप और सीओई हमारे युवाओं के लिए अधिकतम अवसर पैदा कर सकते हैं। जनवरी 2021 से हम हर महीने 2 यूनिकॉर्न बढ़ा रहे हैं। कोविड से उबरने के बाद हम सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं। हमें दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा एफडीआई प्राप्त हुआ है। जब माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2014 में डिजिटल इंडिया का शुभारंभ किया, तो उन्होंने 3 उद्देश्य अर्थात प्रौद्योगिकी सक्षमता, डिजिटल अर्थव्यवस्था, उद्यमिता और रोजगार निर्धारित किए और भारत को उभरती प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक वैश्विक देश बनाया। हमने प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से नागरिकों के जीवन को बदल दिया है और आज अगर हम 100 रुपये भेज रहे हैं, तो नागरिकों को उनके खाते में समान राशि प्राप्त हो रही है। ये तकनीक के फायदे हैं।

मेडटेक सेंटर में इनक्यूबेशन के लिए 15 मेडटेक स्टार्टअप्स का चयन किया गया है। ये स्टार्टअप उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से हैं और कुछ अन्य राज्यों से हैं, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थान मिला है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्लग एंड प्ले सुविधाएं, को-वर्किंग/इनक्यूबेशन स्पेस, हाई स्पीड इंटरनेट (500 एमबीपीएस), मेडी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स और आईओटी लैब्स, बौद्धिक संपदा अधिकारों पर सहायता, मार्केटिंग के लिए सहायता और अन्य सुविधाओं के साथ नेटवर्क आउटरीच प्रदान करेगा।

सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार की साझेदारी में नवनिर्मित सुविधा को रणनीतिक रूप से पीजीआई मेडिकल में रखा गया है, जो मेडी इलेक्ट्रॉनिक्स स्टार्टअप्स को आगे बढ़ने के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है मेडी इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र वर्तमान में 10 अरब डॉलर होने का अनुमान है और 2025 तक 50 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। इस क्षेत्र में लगभग 75-80 प्रतिशत की जबरदस्त आयात निर्भरता भी है। इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से मेडी इलेक्ट्रॉनिक्स में घरेलू स्टार्टअप इकोसिस्टम को विकसित करने और नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा निर्धारित ‘आत्म निर्भर मिशन’ को बढ़ावा देने में मदद की उम्मीद है।

डिजिटल इंडिया पहल के तहत उत्तर प्रदेश ने नए मानक स्थापित किए हैं। लगभग 21 करोड़ आधार नामांकन के साथ, यह राज्य भारत के डिजिटल पहचान कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहा है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा माना जाता है।आधार का लाभ उठाकर राज्य के 15 करोड़ से अधिक लोगों ने केंद्र/राज्य सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों के तहत लाभ उठाया है। 

लखनऊ में होगा उत्तर भारत के पहले उद्यमिता केंद्र ‘मेडटेक’ का उद्घाटन

Date: December 17, 2021

लखनऊ में होगा उत्तर भारत के पहले उद्यमिता केंद्र ‘मेडटेक’ का उद्घाटन

उत्तर प्रदेश में मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान के क्षेत्र में स्टार्टअप को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के मकसद से उत्तर भारत के पहले उद्यमिता केन्द्र ‘मेडटेक’ का लोकार्पण शनिवार को यहां केन्द्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि केन्द्रीय राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राजीव चन्द्रशेखर शनिवार को लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में “मेडटेक” का उदघाटन करेंगे।

यह उद्यमिता केंद्र प्लग एंड प्ले सुविधाएं, सहकार्य/ इनक्यूबेशन स्पेस, हाई स्पीड इंटरनेट (500 एमबीपीएस), मेडी इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान और आईओटी लैब्स, बौद्धिक संपदा अधिकारों पर सहायता, मार्केटिंग और नेटवर्क आउटरीच के लिए अन्य सुविधाओं के साथ सहायता प्रदान करेगा।

उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में नवनिर्मित सुविधा को रणनीतिक रूप से पीजीआई मेडिकल सुविधा में रखा गया है, जो मेडी इलेक्ट्रॉनिक्स स्टार्टअप को फलने-फूलने के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करेगा। मेडटेक सेंटर में पहले से ही लगभग 15 मेडटेक स्टार्टअप को इनक्यूबेशन के लिए चुना जा चुका है। ये स्टार्टअप उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से हैं और कुछ अन्य राज्यों से हैं।

जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थान मिला है। सूत्रों ने बताया कि मेडी इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र वर्तमान में 10 बिलियन डालर का होने का अनुमान है और 2025 तक 50 बिलियन डालर तक बढ़ने की उम्मीद है। इसमें लगभग 75-80 प्रतिशत की जबरदस्त आयात निर्भरता है। इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से मेडी इलेक्ट्रॉनिक्स में घरेलू स्टार्टअप इकोसिस्टम को विकसित करने और आत्म निर्भर मिशन को बढ़ावा देने में मदद की उम्मीद है।

केंद्रीय राज्य मंत्री लखनऊ में मेडटेक सीओई का करेंगे उद्घाटन

Date: December 17, 2021

केंद्रीय राज्य मंत्री लखनऊ में मेडटेक सीओई का करेंगे उद्घाटन

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी एवं कौशल विकास तथा उद्यमिता राज्य मंत्री माननीय श्री राजीव चंद्रशेखर, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई), लखनऊ में स्थापित मेडटेक सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर एसटीपीआई के महानिदेशक श्री अरविंद कुमार ; श्री अरविंद कुमार अतिरिक्त मुख्य सचिव आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, उत्तर प्रदेश सरकार; डॉ. आर.के. धीमान, निदेशक- एसजीपीजीआई-लखनऊ; डॉ. रजनीश अग्रवाल, निदेशक एसटीपीआई-नोएडा और श्री सुबोध सचान, निदेशक, एसटीपीआई-मुख्यालय भी उपस्थित रहेंगे।

मेडटेक – मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान में एक सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप (सीओई), सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) की एक पहल है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत एक स्वायत्त सोसाइटी है. लखनऊ में यह सीओई, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई), लखनऊ; आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग (यूपी सरकार); एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री (एआईएमईडी); और आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन (एएमटीजेड) के सहयोग से एसटीपीआई और एमईआईटीवाई द्वारा स्थापित किया जा रहा है। नैसकॉम के पूर्व अध्यक्ष; संस्थापक, इंडियन एंजेल नेटवर्क पदमश्री डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने मेडटेक सीओई के मुख्य सलाहकार बनने के लिए अपनी सहमति दी है।

सीओई 15,000 वर्ग फुट की निर्मित जगह में एसजीपीजीआई परिसर के अन्दर रहेगा, 22 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट के साथ, सीओई पांच साल की अवधि में 50 स्टार्टअप का पोषण करेगा, तथा किफायती, उच्च गुणवत्ता वाले स्वदेशी चिकित्सा उत्पाद बनाने, रोजगार बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में योगदान करने के लिए युवा नवप्रवर्तकों ( यंग इनोवेटर ) को बढ़ावा देने के लिए एक एंटरप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम की सुविधा प्रदान करते हुए चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करेगा। मेडटेक सीओई भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को रोगियों को सशक्त बनाने और उन्हें स्मार्ट और किफायती हेल्थटेक समाधानों तक पहुंचने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सीओई का मुख्य उद्देश्य त्वरित और निरंतर विकास के लिए लाइफ साइंस और हेल्थ केयर इंडस्ट्री में हो रहे परिवर्तन को क्रियाशील बनाना है। इसके माध्यम से सीओई स्टार्टअप, सह-निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के समाधान का निर्माण करते हुए नए व्यावसायिक अवसरों और बाजारों में अपनी पहुँच बनाने में सक्षम होंगे।

मेडटेक सीओई अकादमिक, इंडस्ट्री, नेटवर्किंग पार्टनर्स, निवेश आदि जैसे विभिन्न श्रेणियों के 16 सलाहकारों और 25 भागीदारों को एक साथ ला रहा है। एसजीपीजीआई, एसआईआईसी आईआईटी कानपुर, आईआईआईटी लखनऊ, आईईटी लखनऊ, केआईएचटी, टीआईई लखनऊ, जनरल इलेक्ट्रिक; विप्रो; सीमेंस और फिलिप्स (इंडिया) आदि जो स्टार्टअप्स से जुड़ेंगे। इस सीओई में लगभग 150 एप्लीकेशन्स में से 26 प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप का चयन किया गया है और आगे 51 और स्टार्टअप ने मेडटेक सीओई में शामिल होने के लिए आवेदन किया है।

SGPGI, लखनऊ में मेडटेक उद्यमिता केंद्र का उद्घाटन

SGPGI, लखनऊ में मेडटेक उद्यमिता केंद्र का उद्घाटन

  • Start Date 18-12-2021
  • End Date 18-12-2021
  • Type CoE Launch
  • Display Regular
  • Venue सीवी रमन सभागार, एसजीपीजीआई, नया पुस्तकालय भवन, लखनऊ

श्री राजीव चंद्रशेखर,  इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री और कौशल विकास और उद्यमिता भारत सरकार, SGPGI लखनऊ में MedTech CoE का उद्घाटन  करेंगे। 

दिनांक  :  18.12.2021

समय: सुबह 10:00 बजे

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